A REVIEW OF SHIV CHAISA

A Review Of Shiv chaisa

A Review Of Shiv chaisa

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. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥

लिङ्गाष्टकम्

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ ।

ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।

जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥

सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥ किया Shiv chaisa तपहिं भागीरथ भारी ।

भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, Shiv chaisa त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीस।

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